स्कूल कॉलेज के अधिकतर स्टूडेंट्स Sunday का इसलिए इंतजार करते है क्योंकि यही तो वो दिन होता है जब वो आराम से उठते हैं या या यूं कह लीजिये की बस सोते रहते है ओर स्टूडेंट्स ही क्यों कई बड़े भी नींद के आगोश मे देर तक रहते है वही शहर मे युवाओं की यह टोली सुबह – सुबह हाथों मे गेती फावड़ा ओर पौधे लिए निकल पड़ते है पब्लिक पार्क्स को सवारने के लिए ।
150 रविवार लगातार आज पुकार की टीम ने पूरे किए, ऐसा पार्क जहां की बदहाली को बस एक लाइन मे यूं समझ लीजिये की पाँव रखना भी मुश्किल था। वहाँ की सफाई ओर उसके बाद पौधरोपण, और हाँ ये लोग सिर्फ पौधे नहीं लगाते ताकि फोटो अगले दिन न्यूज़ बन जाए ये उसका समय समय पर रखरखाव भी करते है, परिवार के बच्चों की तरह पौधों को नाम भी दिया जाता है ओर पौधो का रख रखाव भी रखा जाता है, शहर मे हजारों पौधे पुकार की टीम लगा चुकी है… स्कूल कॉलेज के बच्चों को जहां अक्सर पॉकेट मनी कम पड़ती है ये उसी पॉकेट मनी से पैसे बचाकर अपने इस नेक काम मे खर्च कर देते हैं, इन छोटे बच्चों की इस बड़ी सोच को one2all का बड़ा सलाम !
संस्थापक भुवनेश ओझा के अनुसार पुकार ने अपने 150वें रविवार पर उदयपुर शहर मे कार्यरत विभिन्न संगठनो व 100 से ज्यादा नागरिकों के सहयोग से पार्क मे उगी कंटीली झाड़ियों व कचरे को हटाने के पश्चात 40 से ज्यादा विभिन्न आयुर्वेदिक व अरावली के महत्वपूर्ण पौधे जैसे अर्जुन, नीम, बहेड़ा, महुआ, कचनार, आंवला, गूलर इत्यादि पौधें लगाए गए जिनकी देख-रेख का जिम्मा पार्क के आस-पास रहने वाले कोलोनिवासियों व युवाओ ने आगे बढ़कर लिया।
संयोजक हर्षवर्धन ने समारोह के दौरान पुकार के बारे मे बताया कि किस तरह 5 युवाओ ने कुछ करने का ठान कर, 10 नवंबर 2013 को अपना प्रथम रविवार, कॉलोनी के पास स्थित रोड के डिवाइडर पर सफाई कर समर्पित किया व संगठन आज 18 से ज्यादा पार्को को नया जीवन दान दे चुका है, वो भी अपनी जैब खर्च से बचाएँ हुए पैसो से और 3 वर्षो से यह कारवां 8000 नागरिकों के जुड़ाव से आगे बढ़ रहा है।