एशिया की सबसे बड़ी लाइब्रेरी- राजस्थान में
एशिया की सबसे बड़ी लाइब्रेरी जैसलमेर से 128 k.m. पहले भादरिया गाँव(पोकरण तहसील) में स्थित है | भादरिया माता मंदिर के नीचे बनी इस लाइब्रेरी में लगभग 4000 लोगों के बैठने की व्यवस्था है | हर साल लाइब्रेरी के रख-रखाव में 7 से 8 लाख रूपये खर्च होते हैं | 562 कांच के स्लाइडर शेल्फ वाली अलमारी में करीब 9 लाख से ऊपर किताबें हैं | ज्यादातर किताबें हिंदी में हैं जिनमें अधिकतर पुरातन हिंदी ग्रन्थ हैं | यहाँ पर कई तरह की atlas, अनेकों भाषाओं की dictionaries और भारतीय इतिहास से सम्बन्धित किताबें भी हैं |
जमीन से 16 फीट नीचे (underground) बनी यह लाइब्रेरी अनेकों विशेषज्ञों और शोधकर्ताओं के आकर्षण का केंद्र है जो अक्सर यहाँ आते रहते हैं | पर्यटकों में भी इस लाइब्रेरी का ख़ासा आकर्षण है |
इस लाइब्रेरी के जनक यहाँ पर रहने वाले संत श्री भादरिया महाराज थे | ये मूलतः पंजाब के रहने वाले थे और इनका असली नाम हरबंश सिंह निर्मल था | स्वभाव से अपने नाम स्वरुप निर्मल इन संत पुरुष ने अनेकों जगहों से किताबें एकत्रित कर इस लाइब्रेरी का निर्माण किया था जिसे पूर्ण होने में 2 साल लगे थे |
यह लाइब्रेरी अन्दर से बेहद साफ़ सुथरी है और किताबें इतने करीने से लगी हुई हैं कि उन्हें छूने में भी डर लगे| रख-रखाव करने वाले पूरी तन्मयता और भक्ति से इन किताबों की देखभाल करते हैं | मुख्य सड़क से भादरिया माता मंदिर तक जाने वाली सड़क भी बहुत अच्छी है जिसका निरीक्षण मंदिर परिसर में रहने वाले लोग एवं अन्य कर्मचारी समय समय पर करते रहते हैं |
लाइब्रेरी कब बनी थी, यह तारीख ज्ञात नहीं किन्तु इसे बने 25 साल से ऊपर हो चुके हैं |