October 16, 2024
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जगन्नाथ मंदिर, पुरी, ओडिशा

“हमारे मंदिर, हमारी संस्कृति- हमारा गौरव” जगन्नाथ मंदिर, पुरी, ओडिशा जगन्नाथ मंदिर ओडिशा के पुरी में स्थित है और इसे चार धामों में से एक माना जाता है। यह मंदिर भगवान जगन्नाथ (भगवान विष्णु का एक रूप), उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा को समर्पित है। इस मंदिर का निर्माण 12वीं सदी में
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सोमनाथ मंदिर, सौराष्ट्र, गुजरात

  “हमारे मंदिर, हमारी संस्कृति- हमारा गौरव” सोमनाथ मंदिर, सौराष्ट्र, गुजरात सोमनाथ मंदिर गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र में स्थित है और इसे भारत के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक माना जाता है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और इसे बारह ज्योतिर्लिंगों में पहला ज्योतिर्लिंग माना जाता है। सोमनाथ मंदिर का इतिहास बहुत […]
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काशी विश्वनाथ मंदिर, वाराणसी, उत्तर प्रदेश

“हमारे मंदिर, हमारी संस्कृति- हमारा गौरव” काशी विश्वनाथ मंदिर, वाराणसी, उत्तर प्रदेश काशी विश्वनाथ मंदिर भारत के सबसे प्रसिद्ध और पवित्र मंदिरों में से एक है। यह मंदिर वाराणसी में स्थित है और भगवान शिव को समर्पित है। इस मंदिर का इतिहास बहुत पुराना है, और इसे भारत के प्राचीनतम धार्मिक स्थलों में गिना जाता […]
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बद्रीनाथ मंदिर, उत्तराखंड

हमारे मंदिर, हमारी संस्कृति- हमारा गौरव बद्रीनाथ मंदिर, उत्तराखंड बद्रीनाथ मंदिर उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है और यह भगवान विष्णु को समर्पित है। यह मंदिर चार धाम यात्रा का एक महत्वपूर्ण स्थल है और इसे आदि शंकराचार्य ने 9वीं शताब्दी में स्थापित किया था। बद्रीनाथ मंदिर अलकनंदा नदी के तट पर स्थित है […]
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श्री साँवरिया सेठ मंदिर, चित्तौड़गढ़, मण्डफिया

हमारे मंदिर, हमारी संस्कृति- हमारा गौरव” श्री साँवरिया सेठ मंदिर, चित्तौड़गढ़, मण्डफिया राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में स्थित श्री साँवरिया सेठ मंदिर का महत्त्व सिर्फ धार्मिक ही नहीं बल्कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी अत्यधिक है। मण्डफिया गाँव में स्थापित यह मंदिर भगवान कृष्ण को समर्पित है और यहाँ आने वाले भक्तों के लिए […]
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हमारे मंदिर, हमारी संस्कृति- हमारा गौरव

 श्री वेंकटेश्वर मंदिर, तिरुपति श्री वेंकटेश्वर मंदिर, जो तिरुपति बालाजी के नाम से भी प्रसिद्ध है, भारत के आंध्र प्रदेश राज्य में स्थित है। इस मंदिर का निर्माण 9वीं शताब्दी में पल्लव राजाओं ने करवाया था, जबकि इसका प्रमुख जीर्णोद्धार 16वीं शताब्दी में विजयनगर साम्राज्य के राजाओं द्वारा किया गया था। तिरुमाला की पहाड़ियों पर […]