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“हमारे मंदिर, हमारी संस्कृति- हमारा गौरव”🚩🚩🚩🚩🚩🚩

🛕जगन्नाथ मंदिर, पुरी, ओडिशा🛕

जगन्नाथ मंदिर ओडिशा के पुरी में स्थित है और इसे चार धामों में से एक माना जाता है। यह मंदिर भगवान जगन्नाथ (भगवान विष्णु का एक रूप), उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा को समर्पित है। इस मंदिर का निर्माण 12वीं सदी में गंगा वंश के राजा अनंग भीमदेव ने करवाया था।
मंदिर का रथयात्रा महोत्सव विश्वप्रसिद्ध है, जिसमें लाखों भक्त भाग लेते हैं। इस दौरान भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के रथ को मंदिर से गुंडिचा मंदिर तक खींचा जाता है।
रहस्यमयी तथ्य:
1. ऐसा कहा जाता है कि मंदिर के शिखर पर लहराने वाला ध्वज प्रतिदिन उल्टी दिशा में लहराता है।
2. मंदिर के भीतर भगवान जगन्नाथ की मूर्ति का निर्माण किसी भी प्रकार के मानव या मशीन द्वारा नहीं किया जा सकता।
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🛕सोमनाथ मंदिर, सौराष्ट्र, गुजरात🛕

सोमनाथ मंदिर गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र में स्थित है और इसे भारत के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक माना जाता है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और इसे बारह ज्योतिर्लिंगों में पहला ज्योतिर्लिंग माना जाता है। सोमनाथ मंदिर का इतिहास बहुत पुराना है और इसका निर्माण कई बार हुआ है।
मंदिर का पहला निर्माण सतयुग में चंद्रदेव सोमराज ने करवाया था। इसके बाद इसका पुनर्निर्माण त्रेता युग में रावण ने और द्वापर युग में भगवान कृष्ण ने करवाया। वर्तमान मंदिर का निर्माण 1951 में भारत के राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद द्वारा किया गया था।
रहस्यमयी तथ्य:
1. मंदिर के शिखर पर स्थित ध्वज प्रतिदिन तीन बार बदला जाता है।
2. मंदिर की दीवारों पर लगे पत्थरों में उकेरी गई कलाकृतियाँ अद्वितीय हैं और प्राचीन भारतीय वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण हैं।
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🛕काशी विश्वनाथ मंदिर, वाराणसी, उत्तर प्रदेश🛕

काशी विश्वनाथ मंदिर भारत के सबसे प्रसिद्ध और पवित्र मंदिरों में से एक है। यह मंदिर वाराणसी में स्थित है और भगवान शिव को समर्पित है। इस मंदिर का इतिहास बहुत पुराना है, और इसे भारत के प्राचीनतम धार्मिक स्थलों में गिना जाता है। वर्तमान मंदिर का निर्माण 1780 में महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने करवाया था। हालांकि, इसका उल्लेख पुराणों और अन्य प्राचीन धार्मिक ग्रंथों में मिलता है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह मंदिर बहुत पहले से ही यहाँ था।
इस मंदिर का नाम काशी विश्वनाथ रखा गया है क्योंकि इसे काशी का सबसे प्रमुख मंदिर माना जाता है। यहाँ पर भक्तजन दूर-दूर से आते हैं और भगवान शिव का अभिषेक करते हैं। काशी विश्वनाथ मंदिर की प्रमुखता इसलिए भी है क्योंकि इसे बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है।
रहस्यमयी तथ्य:
1. ऐसा कहा जाता है कि भगवान शिव यहाँ स्वयं उपस्थित रहते हैं और इस स्थान पर आने वाले भक्तों की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।
2. मंदिर के गर्भगृह में स्थित शिवलिंग स्वयंभू माना जाता है।
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हमारे मंदिर, हमारी संस्कृति- हमारा गौरव🚩🚩🚩🚩🚩🚩

🛕बद्रीनाथ मंदिर, उत्तराखंड🛕

बद्रीनाथ मंदिर उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है और यह भगवान विष्णु को समर्पित है। यह मंदिर चार धाम यात्रा का एक महत्वपूर्ण स्थल है और इसे आदि शंकराचार्य ने 9वीं शताब्दी में स्थापित किया था।
बद्रीनाथ मंदिर अलकनंदा नदी के तट पर स्थित है और यह हिमालय की गोद में बसा है। यह मंदिर साल के छह महीने (अप्रैल से नवंबर) खुला रहता है, जबकि शेष समय बर्फ से ढका रहता है।
रहस्यमय तथ्य:
बद्रीनाथ मंदिर के पास तप्तकुंड नामक गर्म पानी का कुंड है, जिसका तापमान सर्दियों में भी स्थिर रहता है।
यह माना जाता है कि यहाँ पर भगवान विष्णु ने तपस्या की थी और इस स्थान का नाम उनके तप के कारण ही पड़ा।
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हमारे मंदिर, हमारी संस्कृति- हमारा गौरव”

🛕श्री साँवरिया सेठ मंदिर, चित्तौड़गढ़, मण्डफिया🛕

राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में स्थित श्री साँवरिया सेठ मंदिर का महत्त्व सिर्फ धार्मिक ही नहीं बल्कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी अत्यधिक है। मण्डफिया गाँव में स्थापित यह मंदिर भगवान कृष्ण को समर्पित है और यहाँ आने वाले भक्तों के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र है।
इतिहास:
माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 19वीं शताब्दी में हुआ था। एक स्थानीय ग्वाले को भगवान श्रीकृष्ण ने स्वप्न में दर्शन देकर इस स्थल पर अपनी प्रतिमा स्थापित करने का आदेश दिया था। इसके बाद यहाँ खुदाई के दौरान एक अद्भुत मूर्ति प्राप्त हुई जिसे आज मंदिर में स्थापित किया गया है। मंदिर का निर्माण एक स्थानीय व्यापारी और भक्त द्वारा किया गया था जिन्होंने अपने निजी धन से इस मंदिर को बनवाया।
वास्तुकला:
मंदिर की वास्तुकला अद्वितीय है। इसका गुंबद और शिखर पारंपरिक राजस्थानी शैली में बने हुए हैं। मंदिर के अंदर का वातावरण अत्यधिक शांत और पवित्र है। मंदिर के गर्भगृह में भगवान कृष्ण की सुंदर प्रतिमा स्थापित है जो दर्शन मात्र से ही भक्तों के मन को शांति और संतोष प्रदान करती है।
रहस्यमय तथ्य:
ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर में जो भी सच्चे मन से मन्नत मांगता है, उसकी मनोकामना अवश्य पूरी होती है।
यहाँ हर साल लाखों भक्त दान स्वरूप सोने और चांदी के आभूषण चढ़ाते हैं, जिससे इस मंदिर को ‘धान का भंडार’ भी कहा जाता है।
मंदिर के परिसर में स्थित एक प्राचीन कुआं, जिसे ‘कृष्ण कुंड’ के नाम से जाना जाता है, में स्नान करने से विभिन्न रोगों से मुक्ति मिलती है, ऐसा विश्वास है।
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🛕 श्री वेंकटेश्वर मंदिर, तिरुपति🛕


श्री वेंकटेश्वर मंदिर, जो तिरुपति बालाजी के नाम से भी प्रसिद्ध है, भारत के आंध्र प्रदेश राज्य में स्थित है। इस मंदिर का निर्माण 9वीं शताब्दी में पल्लव राजाओं ने करवाया था, जबकि इसका प्रमुख जीर्णोद्धार 16वीं शताब्दी में विजयनगर साम्राज्य के राजाओं द्वारा किया गया था। तिरुमाला की पहाड़ियों पर स्थित यह मंदिर भगवान विष्णु के अवतार, वेंकटेश्वर को समर्पित है।

इस मंदिर की खासियत यह है कि यहां हर दिन हजारों भक्त दर्शन के लिए आते हैं और यहाँ की एक विशेष प्रथा है जिसमें भक्त अपने बालों का दान करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर की आय दुनिया के सबसे अमीर मंदिरों में से एक है।

गोपनीय तथ्य : मंदिर में भगवान वेंकटेश्वर की मूर्ति पर नियमित रूप से “तिरुपति लड्डू” का भोग लगाया जाता है, जो विश्वभर में प्रसिद्ध है।

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