Ham bande hai, Bharat maa ke
हम बन्दे है भारत माँ के, नित नया है जोश हमारा,
मातृभूमि के शान में हम ना आने देते बाधा,
हम वीर शिवा, राणा, सुभाष के यूही नहीं वंशज कहलाते, 2
हम जननी जन्म भूमि के यूही अंग रक्षक नहीं कहलाते,
हे! शोर्य और साहस आकाश सा, 2
यूही भारतीय सेना नहीं कहलाते,
हम मौत को भी मात दे दे जब बारी देश की रक्षा की आये,
जल, थल, वायु तीनो में है मातृभूमि के रक्षक हम, 2
सरहद है महफ़ूज हमारी, अपने इन जवानो से,
हर दुश्मन से हम लोहा लेले, हर दुश्मन को है! मार गराये,
आंधी बन जाये, तूफ़ान बन जाये हम बन जाये आग का गोला,2
काल भी बन जाये महाकाल भी बन जाये,
जब वक़्त आये देश की रक्षा का,
बुरी नयत से देखा जब जब, भारत माँ के आंचल को,2
तब तब किया संहार दुश्मनों का भारत माँ के वीर जवानो ने,
हम बदे है, भारत माँ के, नित नया है जोश हमारा।
हम बदे है, भारत माँ के, नित नया है जोश हमारा।
लेखक
अक्षय कुमार सुथार
ऋषभदेव (उदयपुर)