जानिए क्या है श्री यंत्र – धन समृद्धि के लिए क्यों है जरुरी?
हिंदू धर्म में विभिन्न प्रकार के धन प्राप्ति यंत्र हैं। रहस्यमय ज्यामिति वाले यंत्रों के अलावा धन प्राप्ति के लिए कई यंत्र और संख्यात्मक यंत्र हैं। वे वित्तीय मुद्दों को दूर करने और व्यापार, धन और भौतिक सुख-सुविधाओं में सफलता प्रदान करने में मदद करते हैं। ये यंत्र सौभाग्य और प्रचुरता भी प्रदान करते हैं और एक व्यक्ति को आध्यात्मिक रूप से उन्नत करते हैं।
आज हम बात कर रहे हैं श्री यंत्र की
श्री यंत्र एक जटिल ज्यामिति आकृति है जिसकी अधिष्ठात्री देवी मां त्रिपुरा सुंदरी को माना गया है। सभी प्रकार के यंत्रों में श्री यंत्र को सबसे मुख्य और सबसे प्रभावशाली माना गया है।
श्री यंत्र के केन्द्र में एक बिंदु है। इस बिंदु के चारों ओर 9 अंतर्ग्रथित त्रिभुज हैं जो नवशक्ति के प्रतीक हैं। इन नौ त्रिभुजों के अन्तःग्रथित होने से कुल 43 लघु त्रिभुज बनते है।
श्रीयंत्र में देवी लक्ष्मी का वास माना जाता है।
माना जाता है कि भोजपत्र की अपेक्षा तांबे पर बने श्रीयंत्र का फल सौ गुना, चांदी में लाख गुना और सोने पर निर्मित श्रीयंत्र का फल करोड़ गुना होता है।
‘रत्नसागर’ में रत्नों पर भी श्रीयंत्र बनाने की बात लिखी गई है। इनमें स्फटिक पर बने श्रीयंत्र को सबसे अच्छा बताया गया है।
विद्वानों की ऐसी धारणा है कि भोजपत्र पर 6 वर्ष तक, तांबे पर 12 वर्ष तक, चांदी में 20 वर्ष तक और सोना धातु में श्रीयंत्र आजीवन प्रभावी रहता है।
कई लोग अपने कार्यालयों में अपने घर में पढ़ने की जगह पर मनोवांछित फल प्राप्त करने के लिए श्री यंत्र की स्थापना करते हैं।
कहा जाता है कि श्री यंत्र का निर्माण भी एक शुभ मुहूर्त में ही किया जा सकता है एवं इसकी स्थापना भी शुभ मुहूर्त देखकर ही की जाती है।
यह बातें आप कहीं से भी जान सकते हैं पढ़ सकते हैं यूट्यूब श्री यंत्र बेचने वालों से भरा पड़ा है गूगल पर कई साइट मिल जाएगी आपको जो अलग-अलग प्रकार के श्री यंत्र बेच रहे हैं।
लेकिन श्री यंत्र की कोई प्रमाणिक पुष्टि नहीं है
आज के समय में श्री यंत्र केवल कमाई का जरिया बनकर रह गया है।
बड़े-बड़े वास्तुविद और ज्योतिषाचार्य भी श्री यंत्र स्थापित करने की सलाह नहीं देते हैं।
लेकिन बाजारवाद से ग्रसित लोग जरूर श्री यंत्र को इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं।
यहां मैं इस बात की कतई पुष्टि नहीं करती कि श्री यंत्र का इस्तेमाल करके कोई फायदा नहीं होता या श्री यंत्र के बारे में कहीं जाने वाली बातें झूठी है लेकिन जहां तक मेरी बुद्धि और विवेक कहता है |
श्री यंत्र एक बहुत ही जटिल ज्यामितीय संरचना है वैदिक काल में जिसका निर्माण कोई कुशल व्यक्ति ,जो कि स्वच्छ मन से ईश्वर का आव्हान करके श्रेष्ठ मुहूर्त में श्री यंत्र का निर्माण करता होगा तभी इन सभी नियमों को पालन करने के बाद बने श्रेष्ठ श्री यंत्र की श्रेष्ठ मुहूर्त में स्थापना करने से श्रेष्ठ फल प्राप्त होता होगा ।
लेकिन वर्तमान समय में बाजारवाद के चपेट में आकर मशीनों से बने श्री यंत्र की वास्तविकता और उपयोगिता पर मुझे विश्वास नहीं है।