चार बाँस चौबीस गज, अंगुल अष्ट प्रमाण, ता ऊपर सुल्तान है, चुके मत चौहान
पृथ्वीराज चौहान
बारहवीं शताब्दी में चौहान वंश के पृथ्वीराज चौहान अपने शौर्य और वीरता के लिए जाने जाते हैं| उनका जन्म 1168 में अजमेर में महाराजा सोमेश्वर चौहान और महारानी कमला देवी के यहाँ हुआ था | बचपन में ही पृथ्वीराज चौहान ने अपने खाली हाथों ही शेरको मार गिराया था | गुजरात के राजा भीमदेव को उन्होंने मात्र 13 वर्ष की अल्पायु में परास्त किया था | उनकी इस बहादुरी के लिए उनके दादाश्री अंगम ने उन्हें दिल्ली का राजा घोषित कर दिया था |पृथ्वीराज चौहान ने एक सुदढ़ राजपूत राज्य कायम किया और उसे उत्तर पश्चिम तक फैला दिया | इनका विवाह संयुक्ता से हुआ जो उनके दुश्मन जयचंद्र गढ़वाल की पुत्री थीं | पृथ्वीराज संयुक्ता की प्रेम कहानी भारतीय इतिहास में बेहद प्रसिद्द है |
1911 में पृथ्वीराज ने शहाबुद्दीन मुहम्मद घौरी को परास्त किया और बिना कोई चोट पहुंचाए उसे माफ़ कर दिया | घौरी ने 1192 में फिर से पृथ्वीराज पर हमला बोल दिया और इस बार युद्ध जीत लिया | पृथ्वीराज चौहान को घौरी ने न सिर्फ कैद किया बल्कि गर्म सलाखों से दाग कर उन्हें अँधा बना दिया|
कुछ समय उपरान्त पृथ्वीराज ने घौरी को तीरंदाजीके मुकाबले में अपने मित्र चाँद बरदाई की मदद से मार गिराया किन्तु घौरी के अंगरक्षक ने उन्हें मार दिया |
“पृथ्वीराज रासो “ चाँद बरदाई द्वारा लिखी गई एक कविता है, जो कि उन्हीं के दरबार में कवि भी थे | इसमें पृथ्वीराज चौहान की जीवनी दर्शाई गई है |