यात्रा करने के लिए सात स्थान
किशोर सागर और जगमंदिर पैलेस (Kishore Sagar and Jagmandir Palace)
किशोर सागर झील 1346 में बूंदी के राजकुमार द्वारा बनवाई गई थी | इस झील की खूबसूरती सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करती है | इस झील के बीचों बीच एक द्वीप पर जगमंदिर पैलेस बना हुआ है | 1740 में बने जगमंदिर की शिल्प कला देखने लायक है | यह लाल रंग के सैंड स्टोन से बना हुआ है | रात के समय जब सब तरफ रौशनी ही रौशनी होती है तो इस जगह की खूबसूरती की पानी में दिखती झलक का जवाब नहीं होता| यहाँ पर नाव में सैर करने का आनंद भी उठाया जा सकता है |
सेवेन वंडर्स पार्क (Seven Wonders Park)
यह पार्क 2011 में बनाया गया था | यहाँ ताज महल (Taj Mahal), ग्रेट पिरामिड ऑफ़ गिज़ा (Great Pyramid of Giza), ब्राज़ील का क्राइस्ट द रिडीमर (Brazil’s Christ the Redeemer), स्टेचू ऑफ़ लिबर्टी (Statue of Liberty), आइफ़िल टावर (Eiffel Tower), लीनिंग टावर ऑफ पीसा (Leaning Tower of Pisa) और Rome’s Colosseum के प्रतिकृति (replica) हैं | राजस्थान और आगरा के 150 शिल्पकारों ने 8 महीने की कड़ी मेहनत करके इन प्रतिकृतियों को बनाया था |
कोटा बैराज (Kota barrage)
कोटा बैराज कोटा की सिंचाई नहर का हिस्सा है जो कि चम्बल नदी पर है | यह 1960 में बना था | तेज़ बारिश के समय जब इसके 19 दरवाज़े खोले जाते है तो पुल पर कंपन का एहसास होता है और इसे देखने आम जन उमड़ पड़ते हैं |
चम्बल गार्डन्स (Chambal Gardens)
चम्बल की पृष्ठभूमि में बने सुन्दर बाग जो कि जनता के लिए सबसे पसंदीदा पिकनिक स्थल हैं | यह अमर निवास में है और यहाँ बने तालाब में घड़ियालों का निवास है | बच्चों के लिए इस पार्क में खलेने के लिए बहुत जगह है, इस कारण से सप्ताहांत में अक्सर परिवार यहाँ देखे जा सकते हैं |
खड़े गणेश जी का मंदिर ( Khade Ganesh Ji temple)
कोटा का अत्यंत धार्मिक माने जाने वाला स्थान है खड़े गणेश जी का मंदिर जिसमें भगवन श्री गणेश की मूर्ती लगभग 600 साल पुरानी है | चम्बल नदी के पास बने इस मंदिर से लगी हुई एक झील है जिसमें बहुत बड़ी संख्या में मोर में देखे जा सकते हैं | यहाँ की खासियत यह है कि गणेश जी की मूर्ती खड़ी अवस्था में है जो अपने किस्म की भारत में एक ही मूर्ती है |
गरड़िया महादेव मंदिर ( Garadiya Mahadev temple)
शहर से कुछ दूर स्थित है गरड़िया महादेव जी का मंदिर | यह जगह इतनी खूबसूरत है कि बस देखते रह जाओ | 25 किलोमीटर की दूरी तय करके यहाँ कदम रखने के बाद हर कोई इस जगह में खो जाता है | प्रकृति प्रेमी तो यहाँ घंटों बिता सकते हैं |
सिटी पैलेस (City Palace)
राजस्थानी और मुग़ल कालीन शिल्प कला का संगम कोटा के सिटी पैलेस में स्पष्ट नज़र आता है | हर साल यहाँ हज़ारों पर्यटक आते हैं | महल की दीवारों पर पेंटिंग्स, शीशे का काम, शीशे की छतें, लटकती हुई लाइट्स,कुल मिलाकर सभी का समावेश इस जगह को आकर्षण प्रदान करता है | मार्बल की फ्लोरिंग, पैलेस के चारों तरफ सुन्दर बाग सुन्दरता को और भी बढ़ाते हैं | महल के अन्दर म्यूजियम में पुराने ज़माने के हथियार, पोशाकें, और हेंडीक्राफ्ट आइटम्स राजा महाराजाओं की सम्पन्नता और संस्कृति का उदाहरण हैं|