टैटू बनवाना आजकल आम बात हो गई है|
टैटू बनवाना आजकल आम बात हो गई है | पुराने ज़माने से ही टैटू का चलन है | इसे हिंदी में “गोदना” कहा जाता है | पहले के ज़माने में लोग अपने नाम या अपने खानदान का नाम गुदवाते थे | चेहरे को सुन्दर बनाने के लिए भी बिंदीनुमा गोदने होते थे | महिलाएं अक्सर शादी के बाद अपने पति का नाम अपने हाथ पर गुदवाती थीं और जब कोई उसने उनके पति का नाम पूछता था, तो झट से अपना हाथ आगे कर के नाम दिखा देती थी(नाम बोलने में उन्हीं हिचकिचाहट महसूस होती थी) | बहुत सी जातियां ऐसी हैं जिनमें महिलाएं अपने सम्पूर्ण चेहरे पर बिंदियाँ गुद्वाती हैं | मगर तब टैटू फैशन की तरह इतना प्रचलित नहीं था, इसे ज्यादातर गाँव के लोग बनवाते थे | कुछ लोग अपने हाथों पर भगवान् के नाम भी गुदवाते थे |
आजकल ये एक फैशन हो गया है | शरीर के भिन्न भिन्न हिस्सों पर टैटू बनवाना एक शौक बन गया है | ये भी पता चला है कि भारतीय सेना में सिर्फ किसी आदिवासी या जनजाति के सम्बंधित व्यक्ति को पूरे शरीर पर टैटू की इजाज़त है, मगर अन्य व्यक्ति सिर्फ बांह, कोहनी, हाथ के आगे/पीछे/साइड में टैटू रख सकते हैं | भड़काऊ या उत्तेजना पैदा करने वाले टैटू की इजाज़त नहीं हैं (ऐसा मई 2015 में जारी एक सरकारी आदेश के तहत किया गया)| मगर टैटू बनवाते समय कुछ बातों का ध्यान में रखा जाना भी आवश्यक है | कभी भी जल्दीबाजी में टैटू के डिज़ाइन का निर्णय नहीं लेना चाहिए | डिज़ाइन चुनते समय ध्यान रखना चाहिए कि यह पैन या पेंसिल का निशान नहीं है जिसे झट से मिटाया जा सके |
बनवाते समय बेहद कुशल हाथों द्वारा ही बनवाना चाहिए और स्वच्छता का ध्यान रखना बेहद ज़रूरी है | टैटू बनवाने के बाद इसकी केयर करना भी ज़रूरी है जिसके लिए आप बनाने वाले से जानकारी हासिल कर सकते हैं | ध्यान रखें कि यदि आपकी स्किन सेंसिटिव है, पकती जल्दी है तो टैटू ना बनवाएं | टैटू बनाने वाले एक वैसलीन जेली देते हैं जिसे नियमित रूप से कम से कम एक सप्ताह इस्तेमाल किया जाता है | वैसे तो दो से तीन दिन में टैटू वाले स्थान पर खुरंट आने लगती है, किन्तु एक सप्ताह तक नहाते समय जेली लगाना बहुत ज़रूरी होता है जिससे कि पानी के असर से वो गुदा हुआ स्थान पके नहीं |
अधिकतर लोग माँ, रॉक-बैंड, मूवी-स्टार, भगवान या चाँद तारों के टैटू बनवाते हैं | कुछ अपने ज़ोडिएक साइन वाले टैटू बनवाते हैं | कुछ कहावतें या quotations लिखवाते हैं | टैटू आपकी पर्सनालिटी से मेल खाता हुआ हो ये बहुत ज़रूरी है | किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला टैटू न बनवाएं | जानवरों और पक्षियों वाले टैटू बहुत ज्यादा प्रचलित हैं |
टैटू एक परमानेंट इंक है इसलिए आपकी चॉइस बहुत दमदार होनी चाहिए | यह असल में स्किन में ड्रिल होता है इसलिए बनवाने के पहले खुद को मानसिक रूप से दर्द को सहन करने के लिए तैयार करना भी ज़रूरी है | इसलिए सभी जानकारी एकत्रित करने के बाद ही टैटू बनवाएं | कहीं ऐसा ना हो कि आप लम्बी चलने वाली स्किन की बीमारी को निमंत्रण दे बैठें |