हिन्दू धर्म में सुपारी का महत्त्व सुपारी कहने को एक छोटी सी चीज है लेकिन इसका महत्व छोटा नहीं है वैसे पूरी दुनिया में उत्पादित होने वाली सुपारी का 50% उत्पादन केवल भारत कर लेता है लेकिन फिर भी सुपारी मूलतः भारत की नहीं है यह भारत में फिलिपिंस या मलेशिया से आई है। खैर […]
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भाषा की दरिद्रता : नाम हिन्दूओं के एक बहुत बड़े वर्ग को न जाने हो क्या गया है? उत्तर भारतीय हिन्दू समाज पथभ्रष्ट एवं दिग्भ्रमित हो गया है. एक सज्जन ने अपने बच्चों से परिचय कराया, बताया पोती का नाम अवीरा है, बड़ा ही यूनिक नाम रखा है। पूछने पर कि इसका अर्थ क्या है, […]
मुखौटा और मानवीय इतिहास का संबंध बहुत पुराना है कहते हैं सबसे पुराना और सबसे पहला मुखोटे 9000 साल पहले बनाया गया था। नाट्य मंच से जुड़े किसी भी नाटक को करने के लिए हमारे पूरे भारतवर्ष में भी कई प्रकार के मुखौटों का इस्तेमाल किया जाता रहा है। मंदिरों में होने वाले कई नाटक […]
मेवाड़ की स्वर्णिम धरा को क्या से क्या बना दिया? बचपन से ही मैं अपने मेवाड़ की धरा के अनेकों वीरों की कहानियां सुनते बड़ी हुई ,लगभग 25 साल पहले जब छोटी बच्ची थी मां-पापा के साथ बाईक पर बैठ बीसियों बार उदयपुर से राजसमंद ननिहाल का सफर तय किया। बीच में पड़ते चीरवा घाटे […]
बचपन वाली नारंगी गोलिया ये खट्टी मीठी सी नारंगी गोलिया जो आज भी हमारे बचपन की यादे ताज़ा कर देती है। ये गोलिया मार्केट मे कही ना कही दिख ही जाती है लेकिन अब वो बचपन कही गुम है जो इन्हे बड़े शौक से खाता था … वो बचपन जो अब कही खो गया हैं […]
‘दो कौड़ी की हैसियत हो जाना’ (बरबाद हो जाना) ‘कौड़ियों के भाव’ (बहुत सस्ता) ‘दूर की कौड़ी लाना’ (कोई अच्छा सुझाव देना) ‘कौड़ी’ हमारे जीवन के प्रत्येक कार्य-कलाप से जुड़ी हुई है। मनुष्य इसकी पूजा करता है तो इससे श्रृंगार भी करता है। इससे जुआ खेलता है तो इससे औषधि भी बनाता है। इस बात […]
हिंदू धर्म में विभिन्न प्रकार के धन प्राप्ति यंत्र हैं। रहस्यमय ज्यामिति वाले यंत्रों के अलावा धन प्राप्ति के लिए कई यंत्र और संख्यात्मक यंत्र हैं। वे वित्तीय मुद्दों को दूर करने और व्यापार, धन और भौतिक सुख-सुविधाओं में सफलता प्रदान करने में मदद करते हैं। ये यंत्र सौभाग्य और प्रचुरता भी प्रदान करते हैं […]